BC for High School branding logo
BC for High School
Skip to navigation Skip to Contents Skip to Accessibility Statement
Search Menu
Home Offshore – hi BC’s Curriculum and assessment overview – hi BC’s Curriculum – hi

B.C. का पाठ्यक्रम

Hero Image

ब्रिटिश कोलंबिया की पाठ्यचर्या के केन्‍द्र में कुछ मूल कौशल, अनिवार्य रूप से सीखी जाने वाली बातें ओर साक्षरता व बुनियादी गणितीय दक्षताएं शामिल हैं। इन तीनों से सीखने की गहनता बढ़ती है।

मूल क्षमताएं सीखने के तमाम क्षेत्रों में पाठ्यचर्या संबंधी दक्षता भी शामिल हैं। इनका संबंध शिक्षित नागरिक से है, इसलिए हम शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत सभी विद्यार्थि‍यों में इनके होने को महत्‍व देते हैं।

प्रत्‍येक विषय क्षेत्र के लिए पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य रूप से सीखने वाली बातें शामिल हैं। इनके अंतर्गत ऐसी बुनियादी पाठ्य सामग्री, अवधारणाएं, कौशल और बड़ी विचार भी शामिल है जिससे आज के विश्‍व में वांछित ऊंचे दर्जे की सोच को बढ़ावा मिलता है।

साक्षरता का मतलब समझना, आलोचनात्‍मक विश्‍लेषण करना और अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए विभिन्‍न प्रकार से संवाद स्‍थापित करना है। इसमें मौखिक, लिखित, दृश्‍य, डिजिटल और मल्‍टीमीडिया भी शामिल हैं।

गणितीय दक्षता गणितीय अवधारणाओं, प्रक्रियाओं और कौशलों को समझने और उनका उपयोग विभिन्‍न संदर्भों में समस्याओं का समाधान करने की क्षमता से है।

साक्षरता और गणितीय दक्षता सभी तरह के ज्ञान की बुनियाद हैं। हालांकि इसे आम तौर पर भाषा सीखने से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन B.C. पाठ्यक्रम में गणित, साक्षरता और गणितीय दक्षता का उपयोग तमाम क्षेत्रों में किया जाता है।

पढ़ाई के तमाम क्षेत्र ”जानो-करो-समझो” मॉडल पर आधारित हैं, जिससे सीखने के अवधारणा आधारित और दक्षता से प्रेरित दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता है।

तीनों तत्‍व, यानी विषय वस्‍तु (जानो), पाठ्यचर्या दक्षता (करो) और महान विचार (समझो), तीनों ही एकसाथ मिलकर गहरे स्‍तर पर सीखने में मदद करते हैं।

बीसी का पाठ्यक्रम दो ऐसी विशेषताओं को एक साथ लाता है जिनके बारे में अधिकांश शिक्षक सहमत हैं कि वे 21वीं सदी में गहरी, अधिक आगे बढ़ाई जा सकने वाली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं: सीखने के लिए एक अवधारणा-आधारित दृष्टिकोण और योग्यताओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करना। ये दोनों विशेषताएं एक दूसरे की पूरक हैं क्योंकि यह दोनों विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की मांग करती हैं। निष्क्रिय सुनने या पढ़ने की तुलना में “करने” के माध्यम से अधिक गहरी शिक्षा प्राप्त की जाती है। इसी प्रकार, अवधारणा-आधारित शिक्षा और योग्यताओं का विकास दोनों ही विद्यार्थियों को उन वास्तविक कार्यों में शामिल करते हैं जो शिक्षा को वास्तविक दुनिया से जोड़ते हैं।